बड़ी दूर से मैं आया तेरे दवार संवारे
सच कहू आया दुनिया से हार संवारे
मैंने सुना तेरा नाम दीना है,
मुझ दीं की भी बिगड़ी सुधार संवारे
बड़ी दूर से मैं आया तेरे दवार संवारे
चिंतन में तेरे मेरा चित न लगे होठो पे उदासी छाई है,
जिस और नजर मैं फेरु प्रभु हर और से अफात आई है
मेरी जिन्दगी की राहे अनजान है
अपनी मंजिल की मुझे न पहचान है
मैं तो थक गया प्रभु अपने आप से अब बन जा तू मेरा मदत गार संवारे
बड़ी दूर से मैं आया तेरे दवार संवारे
है खेल भरोसे का प्यारे
मेरा ये भरोसा न टूटे है डोर भरोसे की नाजुक
हाथो से मेरे ये ना छुटे,
तेरे नाम का ही मुझ पे सरुर हो
इक बार मुलात भी जरुर हो
तेरे मोहित की यही है बस प्राथना तेरा मनुगा सदा अबार संवारे
बड़ी दूर से मैं आया तेरे दवार संवारे
I came from a long distance to decorate your door
To tell the truth, I came to defeat the world
I heard your name is Dina,
I was given that even the spoiled improvement should be done.
I came from a long distance to decorate your door
There is sadness on your lips if your mind is not engaged in contemplation,
Wherever I look, I have come to fear from every other side
the path of my life is unknown
I don’t know my destination
I am so tired, Lord, be yourself now, help me and help me
I came from a long distance to decorate your door
hai game trust ka darling
This trust of mine is not broken
Do not let go of my hands,
your name is only on me
Must meet once
This is your Mohit’s only prayer, your Manuga always adorns itself
I came from a long distance to decorate your door