बहुत ढूंढा तुम्हे कान्हा

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बहुत ढूंढा तुम्हे कान्हा कहा तुम छिप गये जाने
गोकुल ढूंढा ब्रिज ढूंढा कहा तुम छिप गये जाने,

कही तो वो डगर होगी या से तुम गुजर ते थे
तेरी मुरली की तानो में मयु राधे थिरक ते थे,
वाहा की धुलो को माथे पे अपने यु सजा लू मैं
बहुत ढूंढा तुम्हे कान्हा कहा तुम छिप गये जाने

तुम्हे हरगिज न भूलेगे तुम्हे प्रीतम तो मनमोहन
बंधी हु याद में तेरी ओ मोहन मैं तेरी जोगन
जो योग लगा लिया तुमसे वनी मीरा तुम हे पाने,
बहुत ढूंढा तुम्हे कान्हा कहा तुम छिप गये जाने

हमे पूछो के क्या होता है बिना कान्हा जिए जाना
ना दिन को चैन आता है ना रातो को लगे नैना
तुम आओ गे यही सोचे मेरा मन तो अब दिन रैना
बहुत ढूंढा तुम्हे कान्हा कहा तुम छिप गये जाने

Searched a lot, where did you go to hide?
Gokul found the bridge, where did you hide?

Somewhere it will be a road or you used to pass by
Mayu Radhe used to dance in the tones of your murli,
I will decorate the dust of Waha on my forehead.
Searched a lot, where did you go to hide?

You will never forget you Pritam, Manmohan
Bandhi hu yaad me teri o mohan main teri jogan
The yoga that you have taken from you, you are Meera you get,
Searched a lot, where did you go to hide?

Ask us what happens without Kanha
There is neither peace in the day nor Naina in the night
You will come and think that my mind is now day Raina
Searched a lot, where did you go to hide?

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