चार वेद के शास्त्र देख लो ओम सरेखा नाम नहीं
सरवन जैसा नहीं रे सेवक कोशल्या सी माता नहीं
सीता जैसी नहीं सती वह लक्ष्मण जैसा जत्ती नहीं
पिता वचन पालन करने में राम सरीका पुत्र नहीं
सरवन जैसा नहीं रे सेवक कौशल्या सी माता नहीं
बजरंग जैसी नहीं बुजा वह अंगद जैसा पांव नहीं
तीन त्रिलोकी की के अंदर देखो भरत सरीखा भाई नहीं
सरवन जैसा नहीं रे सेवक कोशल्या सी माता नहीं
भीष्म सरीकी नहीं प्रतिज्ञा करण जैसा दानी नहीं हो दानी नहीं
तीन त्रिलोकी के अंदर देखो रावण सरीखा अभिमानी नहीं
सरवन जैसा नहीं रे सेवक कोशल्या सी माता नहीं
परशुराम सा फरसा धारी कुंभकरण सी नहीं ओ नींद नहीं
तीन त्रिलोकी के अंदर देखो नारद सरीका ज्ञानी नहीं
श्रवण जैसा नहीं रे सेवक कौशल्या सी मात नहीं
गांधी जैसा नहीं रे महात्मा नेहरू ध्यानी नहीं हो ध्यानी नहीं
कहे वक्त सुन भाई साधु दया सरीका दान नहीं
श्रवण जैसा नहीं रे सेवक कौशल्या सी मात नहीं
Look at the scriptures of the four Vedas, Om is not a straight name
Not like Sarvan, but servant like Koshalya, not a mother
Sati is not like Sita, she is not like Lakshmana
Ram is not a son in obeying the father’s promise.
Not like Sarvan, but servant like Kaushalya, not like mother
Not like Bajrang, he doesn’t have feet like Angad
Look inside the three triloki keys, not a brother like Bharat
Not like Sarvan, but servant like Koshalya, not a mother
Bhishma is not like Pratigya Do not be a donor like Karan, not a donor
Look inside three triloki not arrogant like Ravana
Not like Sarvan, but servant like Koshalya, not a mother
Parashuram has a furrow, Kumbhakaran is not like this, he does not sleep.
Look inside the three triloki, Narada is not as knowledgeable
Not like Shravan, but not like Sevak Kaushalya
Not like Gandhi, Mahatma Nehru is not a meditator.
Listen while saying brother, sadhu is not kind of charity
Not like Shravan, but not like Sevak Kaushalya