चली चली रे भवन माँ के चली रे

IMG 20220910 WA0132

चली चली रे भवन माँ के चली रे
चली भगतो की टोली लेके खाली ये झोली सारी दुनिया द्वार पे चली रे,
चली चली रे भवन माँ के चली रे

जाके चरणों में शीश जुकाए माँ को लाल चुनरियाँ चदाये
मेरी माँ है निराली चलो चलो रे सवाली कही निकल न जाए घड़ी रे,
चली चली रे भवन माँ के चली रे

उची है शान तुम्हारी उचे महलो में रहने वाली,
तेरी लीला अप्रम पारी नैया पार उतारी सारे जगत की तू रखवाली,
चली चली रे भवन माँ के चली रे

कटरे में तेरा बसेरा जम्मू में तेरा सवेरा,
सारे जग का ठिकाना तेरे दर पे है आना भरनी है खाली झोली रे,
चली चली रे भवन माँ के चली रे

Maa Ke Chali Re
The whole world walked at the door, emptying this bag with the team of Bhagto.
Maa Ke Chali Re

Go and offer red chunris to your mother, bowing her head at her feet.
My mother is unique, let’s go to the question, do not go anywhere, watch me,
Maa Ke Chali Re

The glory is the one who lives in your high palaces,
Your lila, apram innings, you have come across the world, you are the guard of the whole world,
Maa Ke Chali Re

Your shelter in Katre, your morning in Jammu,
The place of the whole world is at your door, you have to fill the empty bag,
Maa Ke Chali Re

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *