दोहा: माता जिनको याद करे, वो लोग निराले होते हैं |
माता जिनका नाम पुकारे, किस्मत वाले होतें हैं ||
चलो भुलावा आया है, माता ने बुलाया है |
ऊँचे परबत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है ||
सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारो का,
रास्ता देख रही है माता, अपने आख के तारों का |
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेसा लाया है ||
जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालो को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पो के षालों को |
जिस ने जितना दरद सहा है, उतना चैन भी पाया है ||
वैष्णो देवी के मन्दिर मे , लोग मुरदे पाते है,
रोते रोते आते है, हस्ते हस्ते जाते है |
मे भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है ||
मे तो भी एक माँ हूं माता,
माँ ही माँ को पहचाने |
बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने |
उस का खून मे देखूं कैसे, जिस को दूध पिलाया है ||
प्रेम से बोलो, जय माता दी |
ओ सारे बोलो, जय माता दी |
वैष्णो रानी, जय माता दी |
अम्बे कल्याणी, जय माता दी |
माँ भोली भाली, जय माता दी |
माँ शेरों वाली, जय माता दी |
झोली भर देती, जय माता दी |
संकट हर लेती, जय माता दी |
ओ जय माता दी, जय माता दी ||स्वरनरेन्द्र चंचल
Doha: Those whom the mother remembers, those people are unique.
Mother whose name is called, she is lucky.
Let’s forget, Mother has called.
The Queen Mother has put a court on the high mountain.
A place in the whole world, to kill all the sorrow,
Mother is looking at the path of the stars in her eyes.
A gust of cool winds has brought this message.
Go on saying Jai Mata, to those who come,
Go on don’t you look at your po’s shawls.
Whoever has suffered as much pain, has also found so much peace.
In Vaishno Devi temple, people find dead,
Crying comes crying, laughing goes away.
I will also look for it, whoever asked has got what he asked for.
I am also a mother
Only mother knows mother.
What is the sorrow of a son, and what does anyone know?
How can I see in the blood of the one whom I have given milk to.
Speak with love, Jai Mata Di.
Say everything, Jai Mata Di.
Vaishno Rani, Jai Mata Di.
Ambe Kalyani, Jai Mata Di |
Mother Bholi Bhaali, Jai Mata Di.
Mother Lions, Jai Mata Di.
Fills the bag, Jai Mata Di.
Take away the crisis, Jai Mata Di.
Oh Jai Mata Di, Jai Mata Di || Swarnarendra Chanchal