चलो चलो द्वारका माई यहाँ बैठे है साई
वाहा हर मर्ज की मिलती है मुफत दवाई,
चलो चलो द्वारका माई यहाँ बैठे है साई
करले सबुरी थोड़ी पायेगा चैन तू
साई के रहते क्यों इतना बेचैन तू,
यही है राम यही है श्याम यही है कृष्ण कन्हाई,
चलो चलो द्वारका माई यहाँ बैठे है साई
दुखो को लेकर के खुशिया बाँट ते है ,
शिरडी में रह कर के मुसीबत काट ते है,
बात उसकी नहीं कट ती जिसने भी अर्जी लगाई,
चलो चलो द्वारका माई यहाँ बैठे है साई
सवाली बन कर के तू अगर जाएगा,
बेधड़क दावा है खाली नहीं आएगा,
सब कुछ तो मिला उसको जिसने भी झोली फैलाई,
चलो चलो द्वारका माई यहाँ बैठे है साई
Let’s go Dwarka Mai is sitting here Sai
Wah every merge gets free medicine,
Let’s go Dwarka Mai is sitting here Sai
Karle saburi will get some peace
Why are you so restless in Sai’s life?
This is Ram, this is Shyam, this is Krishna Kanhai,
Let’s go Dwarka Mai is sitting here Sai
Sharing happiness by taking sorrows,
By staying in Shirdi, the troubles are cut.
The matter did not cut him whoever applied,
Let’s go Dwarka Mai is sitting here Sai
If you go by being a question,
The bold claim will not come empty,
He got everything, whoever spread his bag,
Let’s go Dwarka Mai is sitting here Sai