छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे
नहीं जाना मै,नहीं जाना मैं,नहीं जाना मैं,नहीं जाना ,
नहीं जाना मैं,नहीं जाना मैं,नहीं जाना मैं,नहीं जाना ,
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम मैं नहीं जाना रे
नहीं जाना मैं,नहीं जाना में,नहीं जाना में,नहीं जाना ,
नहीं जाना में,नहीं जाना में,नहीं जाना में,नहीं जाना ,
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे
जो सोचू मै जाने की तो, दिल मेरा तड़पता है,
आंखियां मेरी नीर बहाएं, मन का पंछी ये कहता है,
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे,
जब पुछु निशान तो , कइयों निशान दिखते है ,
लहरा कर बलखाकर ,मस्ती मै ये कहते है,
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे ,
दर्शन करने जाऊँ जब भी ,भगतो का रैला दीखता है,
उनके जयकारे और भजन , बाबा को रिझाकर कहते है,
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे,
जब बटता है चूरमा ,खाटू का कण कण कहता है,
हवा यहाँ पर सर सर बहकर , मिटटी उड़ उड़ कहती है,
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे ,
जो देखूं बाबा का चेहरा , श्याम नशा छा जाता है,
रोम रोम थिरक थिरक कर, मस्ती मै ये कहता है,
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे,
हौले हौले चॅवर धुराऊँ तो , मन मै ख्याल आ जाये ,
छोड़ के बाबुल का घर ,प्या के घर नहीं जाना रे,
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे,
जो देखूं अँखियाँ उसकी, पाँव नहीं उठते मेरे,
साँसे कुछ थम सी जाती है, दिल भी कुछ कुछ कहता है,
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे ,
जो लोटू खाटू से घर, मेरा बाबा रोता है ,
अँखियाँ उसकी कल कल रोये ,हाथ पकड़ ये कहता है,
छोड़ के मेरा धाम, ओ पूजा उपाध्याय आज नहीं जाना रे,
Leave your abode, O Baba, don’t go to Shyam
I don’t go I don’t go I don’t go I don’t go
I don’t go I don’t go I don’t go I don’t go
Leave your abode, O Baba Shyam, I don’t know
I don’t go I don’t go I don’t go I don’t go
Not going in, not going in, not going in, not going,
Leave your abode, O Baba, don’t go to Shyam
Whatever I think of going, my heart aches,
Let my eyes shed my tears, the bird of the mind says,
Leave your abode, O Baba, don’t go to Shyam
When there are traces of tail, many marks are visible,
By waving, having fun, I say this,
Leave your abode, O Baba, don’t go to Shyam
Whenever I go for darshan, I see a crowd of devotees,
His cheers and hymns woo Baba and say,
Leave your abode, O Baba, don’t go to Shyam
When churma is distributed, the particle of khatu says,
The wind blows over here, the soil says fly away,
Leave your abode, O Baba, don’t go to Shyam
Whatever I see Baba’s face, Shyam intoxication takes over,
Roam Rom trembled, in fun he says,
Leave your abode, O Baba, don’t go to Shyam
Slowly, if I take a wheel, then the thought comes to my mind,
Leave Babylon’s house, don’t go to Pya’s house,
Leave your abode, O Baba, don’t go to Shyam
My eyes don’t lift whatever I see
The breath stops a bit, the heart also says something,
Leave your abode, O Baba, don’t go to Shyam
Home from Lotu Khatu, my baba cries,
His eyes cried yesterday, hold hands, he says,
Leave my abode, O Pooja Upadhyay, don’t go today