छुपा लो यु दिल में प्यार मेरा.
के जैसे मंदिर बिना दीये के
तुम अपने चरणों में रखलो मुझको
तुम्हारे चरणों का फूल हु मैं
मैं सिर जुकाए खड़ी हु प्रीतम
के जैसे मंदिर बिना दीये के
य सच है जीना था पाप तुम बिन
ये पाप मैंने किया है अब तक
मगर है मन में छवि तुम्हारी
के जैसे मंदिर बिना दीये के
फिर आग विरहा की मत लगाना के जल के मैं राख हो चुकी हु,
ये राख माथे पे मैंने रखली
के जैसे मंदिर बिना दीये के
Hide my love in your heart.
like a temple without a lamp
you keep me at your feet
I am the flower of your feet
I’m standing with my head bowed, Pritam
like a temple without a lamp
it is true that you had to live without sin
I have committed this sin till now
But the image in your mind is yours
like a temple without a lamp
Then don’t leave fire because I have become ashes in the water.
I put this ashes on my forehead
like a temple without a lamp