मेरे मन-मन्दिर में, तेरा उजियारा है, जगदम्बे, मां दुर्गे मुझे तेरा सहारा है ॥ टेर ॥
तू ही ब्रह्माणी है, तू ही रुद्राणी है।
तू ही कमला-रानी, तू वीणा-वादिनी है।
तू सिंह-वाहिनी है, तू ही मां तारा है।
जगदम्बे मां दुर्गे मुझे तेरा सहारा है
तू सर्व-मंगला है, महामाया-काली है।
कोई पार नहीं पाया, तेरी महिमा निराली है। जब-जब भीड़ पड़ी मां तुझको पुकारा है।
जगदम्बे मां दुर्गे मुझे तेरा सहारा है
तू संकट-तारिणी है, तू भव-भय हारिणी है।
अपने भक्तों के लिए, अवतार-धारिणी है। भक्तों को तारा है, दुष्टों को संहारा है।
जगदम्बे मां दुर्गे मुझे तेरा सहारा है
सब नाम जपे तेरा, और ध्यान धरे तेरा।।
भक्त मण्डल’ भी निशदिन, गुणगान करे तेरा। ऐसा ही मां वर दो, यह दास तुम्हारा है।
जगदम्बे मां दुर्गे मुझे तेरा सहारा है