ऐ भवन सुहाना है विच मेरा साई वसदा ऍह साई दा ठिकाना है,
ए साई दियाँ सांगता ने साई न याद करो जे झोलियाँ भरनियाँ ने ॥
साई सब कुछ तक दा है ऐसी भुला करदे हां साई आप ही बख्शदा ए ॥
दिन खुशियां भरियाँ ए साई मेरे कर किरपा दर तेरा फड़िया ए ॥
जो शिरडी आंदा है मेरे साई बाबा कोलो ओ सब कुछ पांदा है ॥
Aye Bhawan Suhana Hai Vich Mera Sai Vasda Aye Sai Da Thikana Hai,
A Sai Diyan Sangta Ne Sai Na Yaad Karo Je Jholiyan Bharniya Ne ॥
Sai is up to everything, so we forget, Sai forgives Himself.
Din Khushiyan Bhariyan A Sai Mere Kar Kirpa Dar Tera Phadiya A ॥
Whoever comes to Shirdi from my Sai Baba he gets everything.