गिरजानंदन शिव के दुलारे,
रिधि सीधी के दाता प्रथम पुजियो हो तुम देवो में कार्तिके के भराता,
गिरजानंदन शिव के दुलारे,
एक बार शंकर से पूछा पुत्रो ने भ्रमाये,
प्रथम पूज्य है कौन सुरों में हम को दो ये बताये,
कथा है इस की बड़ी निराली जग सारा ये दाता
गिरजानंदन शिव के दुलारे,
शिव शंकर बोले वो तुम में प्रथम पूज्य कहलाये
परिक्रमा तीनो लोको की पेहले जो कर आये
बड़ी कठिन है परीक्षा मेरी देखो कौन निभाता
गिरजानंदन शिव के दुलारे,
कार्तिके कर मोर सवारी दूर गगन को धाये
गणपति ने गोरी शंकर के फेरे वही लगाये
केहने लगे भ्र्मांड तुम्ही हो मेरे पिता और माता
गिरजानंदन शिव के दुलारे,
जद गद हो भोले ने घनायक को गले लगाया
बोले हे लम्बोदर तू ही प्रथम पूज्य केहलाया
पुत्र वही जो मात पिता के चरणों में सब कुछ पाता
गिरजानंदन शिव के दुलारे,
Girjanandan Shiva’s caresses,
The donor of Ridhi Sidhi is the first worshiper,
Girjanandan Shiva’s caresses,
Once Shankar was asked by the sons,
Who is the first to be worshipped, tell us this in tunes,
The story is that this is a wonderful world.
Girjanandan Shiva’s caresses,
Shiv Shankar said that he should be called the first worshiper among you.
Those who did the circumambulation of the three worlds before
The exam is very difficult, look at me who plays
Girjanandan Shiva’s caresses,
Karthike’s peacock rides away to Gagan
Ganapati did the same rounds of Gori Shankar.
You are my father and mother.
Girjanandan Shiva’s caresses,
JD Gad Ho Bhole hugs Ghanayak
Said O Lambodar, you are the first worshiper
The son is the one who finds everything at the feet of the mother.
Girjanandan Shiva’s caresses,