भक्त और भगवान का, नाता है बेजोड़
एक बार जिसका जुड़ा, अमर हुआ वह जोड़
भक्त बने हनुमान जी, हदय बसे श्री राम
भक्ति भाव में डूब कर, रटते रहते नाम
कहे हमें हनुमान जी, सेवा करना कर्म
प्रभु चरणों में शीश हो, वही बने जब धर्म
करे प्रार्थना राम की, हम सब का अधिकार
सब देवों के देव वो, बने रहे दातार
राम नाम की शक्ति से, पावन हो संसार
आता है आनंद जब, देते प्रेम अपार
भक्ति राम के प्रति रहे, कहते हैं हनुमान
जग भर के ही प्रेम में, रमते हैं प्रभु ध्यान