तड़पा हु कई जनम तो मिली है अब शरण,
हे श्याम कैसे छोड़ दू मैं आपके चरण,
मैं तो श्याम जपु राधे श्याम जपु,
तुमने ही दी है मुझे ये इज्जत की ज़िंदगी,
फिर क्यों न करू नाथ मैं तुम्हारी बंदगी,
मेरा ये धर्म है करू सदा तुम्हे नमन,
हे श्याम कैसे छोड़ दू मैं आपके चरण,
जब था मैं तुमसे दूर तो मैं था दुखी अधीर,
तुम मेरे बन गये तो बना मैं बड़ा अमीर,
मुश्किल से मिला है मुझे ये तेरा नाम धन,
हे श्याम कैसे छोड़ दू मैं आपके चरण,
जिसने छुए चरण वही निहाल हो गया,
रेहमत से आपकी मालामाल हो गया,
पवन चरण ये आपके अनमोल है रतन,
हे श्याम कैसे छोड़ दू मैं आपके चरण,
जब कोई गम हुआ तो यह आके रो लिए,
बरसाई दया आपने सब आंसू धो दिए,
भुजती है इनकी छाओ में दुःख दर्द की तपन,
हे श्याम कैसे छोड़ दू मैं आपके चरण,
जिसने पुकारा तू उसी का यार हो गया,
दुःख बांटने में वालो में तू शुमार हो गया,
गाजे सिंह की लगी है ऐसे यार से लगन,
हे श्याम कैसे छोड़ दू मैं आपके चरण,
I have been tormented for many births, now I have got refuge,
O Shyam, how can I leave your feet,
I am Shyam Japu Radhe Shyam Japu,
You have given me this life of honor,
Then why shouldn’t I do it,
This is my religion, I will always bow to you,
O Shyam, how can I leave your feet,
When I was away from you, I was sad impatient,
If you have become mine, then I have become very rich,
Hardly I have got this wealth in your name,
O Shyam, how can I leave your feet,
The one who touched the feet became happy.
You have become rich with rehmat,
Pawan Charan, this is your priceless Ratan,
O Shyam, how can I leave your feet,
When there was some sorrow, it came and cried,
You have washed away all the tears,
The heat of sorrow and pain is in their shadows,
O Shyam, how can I leave your feet,
You became the friend of the one who called.
You have become one of those who share sorrow,
Gaje Singh has a passion for such a friend,
O Shyam, how can I leave your feet,