हे वीर तुमहरा क्या मैं तारीफ कर सकता हु,
तुझमे वो शक्ति है जो तूफ़ान खड़ा कर सकते,
हे वीर तुमहरा क्या मैं तारीफ कर सकता हु,
हे वीर तुम्हरी क्या मैं तारीफ कर सकती हु,
तुझमे वो शक्ति है जो तूफ़ान खड़ा कर सकते,
हे वीर तुम्हरी क्या मैं तारीफ कर सकती हु,
तुमने ही तो भारत को हर मोड़ पे बचाया,
फांसी की सूली पे चढ़ गया फिर भी गम न आया,
अब न पीछे हटना तू तूफ़ान खड़ा कर सकते,
हे वीर तुमहरा क्या मैं तारीफ कर सकता हु,
तूने ही तो शांति का सन्देश बताया,
आपस में न लड़ने की को बात बताया,
शांति से बस मन ना माने तलवार उठा सकते,
हे वीर तुम्हरी क्या मैं तारीफ कर सकती हु,
Can I praise you, O Veer?
You have the power that can create storms,
Can I praise you, O Veer?
O heroic can I praise you,
You have the power that can create storms,
O heroic can I praise you,
You saved India at every turn.
Climbed to the gallows, yet there was no sorrow,
Now don’t back down, you can create a storm,
Can I praise you, O Veer?
You only told the message of peace,
Told you not to fight among yourself,
In peace, just don’t mind, you can pick up the sword,
O heroic can I praise you,