मच रही धूम राम नगरी में ,
प्रभु राम की अयोध्या नगरी में ,
देव जन बरसा रहे फूल
झूम रहा नभ , झूम रही धरती रे
राम सिया संग लखन भी आएंगे ,
अवधपुरी सब यूं उत्सव मनाएंगे ,
सब माताएं लड़ायेगी लाड़ ,
भरत जी चरणों में समर्पित होंगे राज तिलक राम का
भाई राम बलिहारी जायेगें और
चरणों में बैठेंगे हनुमान ,
सिया राम के गुण गायेंगे।
ढोलक की थाप पर जब भक्त नृत्य करेंगे ,
कैलाश छोड़ भोले बाबा भी अवध में डमरू बजायेगें ,
पीछे-पीछे गौरा रानी संग में गणेश , कार्तिक और नंदी भी आयेगें ।
शेषनाग की शैया पर विष्णु जी तब सो नही पायेगें ,
लक्ष्मी जी को लेकर वो तो दौड़े-दौड़े आयेंगे ।
मुरली की धुन जब कान्हा की होगी ,
देखकर राधा और श्याम को
राम और भी प्रफुल्लित हो जायेंगे।
स्वर्ग बन जायेगी अवधपुरी ,
तब देवजन सभी यहीं रूक जायेगें ,
राम धुनि में मग्न सभी ,
फिर सब मिलकर राम रमैया गायेंगे ,
हां हम सब मिलकर राम रमैया गायेंगे ,
अब तो राम रमैया गायेंगे अपने भारत से