इजता दी रोटी तू खवाई साइयाँ किसे दा मोहताज न बनाई साइयाँ,
खैर सदा रेहमता दी पावइ साइयाँ,किसे दा मोहताज न बनाई साइयाँ,
दुनिया जहां विच इहो कुझ राखियां हसदे नाल एथे हर कोई हस्या,
रोंदेया नु कला न रवाई साइयाँ,किसे दा मोहताज न बनाई साइयाँ,
हक़ ते हलाल वाली रूखी सुखी चंगी है,
तेरे तो हमेशा असा इहो मंग मंगी है,
पाप दी कमाई तो बचावी साइयाँ किसे दा मोहताज न बनाई साइयाँ,
अपने पराये जेहड़े खुशिया दे साथी ने,
दुखा च ओ लाम्बे ओहि दिंदे दिन राति ने,
सुखदुख विच तू निभाभी साइयाँ,
किसे दा मोहताज न बनाई साइयाँ,
जिंदगी जे साहनु दिति ईजाता दी साइयाँ मौत भी तू साहनु देवे इज्जाता दी साइयाँ,
बेड़ी सदी साहिला ते लावी साइयाँ,
किसे दा मोहताज न बनाई साइयाँ,
Ijta Di Roti Tu Khwai Saiyaan Kise Da Mohtaj Na Banai Saiyaan,
Kheir sada rehmata di pavai saiyaan,kise da mohtaj na banai saiyaan,
Duniya jahan vich iho kuch rakhiyan hasde naal ethe har koi hasya,
Rondeya Nu Kala Na Rawai Saiyaan,Kise Da Mohtaj Na Banai Saiyaan,
Haq te halal wali rukhi sukhi changi hai,
Tere to hamesha asa iho mang mangi hai,
Paap Di Kamai To Bachavi Saiyaan Kise Da Mohtaj Na Banai Saiyaan,
Our strangers who are the companions of joy,
In suffering he is long he gives day and night,
Sukhdukh Vich Tu Nibhabhi Saiyaan,
Kise Da Mohtaj Na Banai Saiyaan,
Zindagi je sahanu diti ijjata di saiyaan Mout bhi tu sahanu deve ijjata di saiyaan,
Bedi Sadi Sahila Te Lavi Saiyaan,
Kise Da Mohtaj Na Banai Saiyaan,