जब जब हम दादी जी का मंगल पाठ करते है,
ऐसा लगता है माँ से दिल की बात करते है,
जब जब हम दादी जी का मंगल पाठ करते है,
ये मंगल पाठ है ऐसा दादी से मिलता है,
इस पाठ से घर आंगन पवन हो जाता है,
जब हम ये मंगल पाठ सबके साथ करते है
ऐसा लगता है माँ से दिल की बात करते है,
जब जब हम दादी जी का मंगल पाठ करते है,
जब गाते है हम मंगल मेरी दादी सुनती है,
दोरही आती है दादी पल भर न रुक ती है,
जब सच्चे मन से हम दादी को याद करते है,
ऐसा लगता है माँ से दिल की बात करते है,
जब जब हम दादी जी का मंगल पाठ करते है,
जिसने भी मन से एक बार ये मंगल पाठ किया,
उनके घर और आंगन में दादी ने वास किया,
इस लिए भजन दादी का हम दिन रात करते है,
ऐसा लगता है माँ से दिल की बात करते है,
जब जब हम दादी जी का मंगल पाठ करते है,
Whenever we recite the auspicious text of grandmother,
It seems that we talk heart to mother,
Whenever we recite the auspicious text of grandmother,
This is a Mangal text, it comes from grandmother,
With this lesson the house becomes the courtyard wind,
When we do this Mangal Path with everyone
It seems that we talk heart to mother,
Whenever we recite the auspicious text of grandmother,
My grandmother listens when we sing,
Grandmother does not stop for a moment,
When we remember Dadi with a sincere heart,
It seems that we talk heart to mother,
Whenever we recite the auspicious text of grandmother,
Whoever recited this Mangal recitation once from his heart,
Grandmother resided in their house and courtyard,
That’s why we do bhajans of grandmother day and night,
It seems that we talk heart to mother,
Whenever we recite the auspicious text of grandmother,