जब से देखा तुम्हे, जाने क्या हो गया,
ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ।
तू दाता है तेरा पुजारी हूँ मैं,
तेरे दर का ए बाबा भिखारी हूँ मैं ।
तेरी चौखट पे दिल है मेरा खो गया,
ए मुरली वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥
जब से मुझको ए श्याम तेरी भक्ति मिली,
मेरे मुरझाए मन में हैं कालिया खिली ।
जो ना सोचा कभी था वाही हो गया,
ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥
तेरे दरबार की वाह अजब शान है,
जो भी देखे वो ही तुझपे कुर्बान है ।
तेरी भक्ति का मुझको नशा हो गया,
ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥
‘शर्मा’ जब तेरी झांकी का दर्शन किया,
तेरे चरणो में तन मन यह अर्पण किया ।
इक दफा तेरी नगरी में जो भी गया,
ए मुरली वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥
कवि : राम लाल शर्मा जीस्वरलखबीर सिंह लक्खा
Ever since I saw you, know what happened
A Khatu Wale Shyam I have become yours.
You are the giver, I am your priest.
I am a beggar for you, O Baba.
My heart is lost on your doorstep,
Oh my murli Wale Shyam I have become yours.
Ever since I got your devotion, A Shyam,
Kaliya blooms in my withered mind.
Whatever I never thought has happened,
A Khatu Wale Shyam I have become yours.
The wow of your court is wonderful,
Whatever you see is your sacrifice.
I got intoxicated by your devotion,
A Khatu Wale Shyam I have become yours.
When ‘Sharma’ saw your tableau,
Offered this body and mind at your feet.
Whoever went to your city once,
Oh my murli Wale Shyam I have become yours.