कैसे होगी तेरे होते मेरी हार सँवारे,
बन कर के माझी चला रहा तू मेरी नाव रे,
कैसे होगी तेरे होते मेरी हार सांवरे,
मेरे लिए तो बंद थी दुनिया की सब रहे,
हारे को जीत दिलाई फैला कर तूने बाहे,
वो सुख गई दर दो गम के दुनिया के गाव रे,
बन कर के माझी चला रहा तू मेरी नाव रे….
रहता तू मुझसे दूर है पर दिल से दूर नहीं,
तेरे रहते मेरे बाबा अब तो मैं मजबूर नहीं,
मेरे सिर पे हमेशा रखता तू प्यार की छाव रे,
बन कर के माझी चला रहा तू मेरी नाव रे,
हम दम अब तू बस तू मेरा और तू ही हम सफर,
मैं बड़ी हु किस्मत वाली मुझपे है तेरी नजर,
इस श्याम के पास के केवल भजनो की भाव रे,
बन कर के माझी चला रहा तू मेरी नाव रे,
How would it be with you that my defeat would be saved,
You are driving my boat by becoming my boat,
How would my defeat be without you,
Everything in the world was closed for me,
You waved by spreading victory to the loser,
The village of the world of two sorrows has gone dry,
You are driving my boat by becoming my boat.
You are far from me but not far from my heart,
With you my father, now I am not compelled,
You always keep the shadow of love on my head,
You are driving my boat by becoming my boat,
Hum Dum, now you are just mine and you are my journey,
I am very lucky, I have your eyes on me,
Beside this shyam only the bhajans of bhajans,
You are driving my boat by becoming my boat,