जब जब इसे पुकारा, कान्हा ने दिया सहारा,
यह दूर नहीं हमसे,बस यद् करो इसे मन से,
कन्हैया तो हमारा साथी हे….
हमसे दूर नहीं हे करता हे रखवाली,
जिसने किया भरोसा कान्हा ने डोर संभाली,
जो इसके पाऊ पकड़ ले, ये उसका हाथ पकड़ले
कन्हैया तो हमारा साथी हे….
अपने भगत पे हमेशा दया किया करते हे,
उसको पर लगाए जो नाम लिया करते हे,
यह चार दिनों का जीवन कान्हा को करदे अर्पण२
कन्हैया तो हमारा साथी हे…..
इसका साथ मिले तो हर मुश्किल ताल जाये,
हो घनघोर अँधेरा मंजिल मिल ही जाये.
बिन पानी नाव चलादे, बनवारी बिगड़ी बना दे २
कन्हैया तो हमारा साथी हे….
Whenever it was called, Kanha gave support,
It is not far from us, just remember it from the mind,
Kanhaiya is our friend….
does not keep away from us,
Whoever believed Kanha held the door,
Whoever grabs its paw, let it hold its hand
Kanhaiya is our friend….
Always have mercy on your Bhagat,
Put it on the one who takes the name,
Offer this four days of life to Kanha
Kanhaiya is our friend…..
If you get along with it, then every difficulty will go away,
Yes, the darkest destination must be found.
Let the boat run without water, make the banwari spoiled 2
Kanhaiya is our friend….