कन्हैया तोरी बंशी में सात छेद रे,
सात छेद सात रस सातों भेद रे,
कन्हैया तोरी बंशी में सात छेद रे,
कभी बोले सारेगामा कभी बोले मागरेस,
कभी बोले सुन राधा कभी बोले सुन मीरा,
कभी बोले गीता कभी चारो वेद रे,
कन्हैया तोरी बंशी में सात छेद रे,
कोई कहे कान्हा तोहे कोई नंदलाला,
कोई कहे नटवर कोई गोपाला,
कोई गिरधारी कोई काला मेघ रे,
कन्हैया तोरी बंशी में सात छेद रे,
भक्त सुदामा के पॉव पखारे,
और सत्यभामा के तुलसी पे हारे,
कंस के काल पुत्र बासुदेव के ,
कन्हैया तोरी बंशी में सात छेद रे,
There are seven holes in Kanhaiya Tori Banshi,
Seven holes, seven juices, seven distinctions,
There are seven holes in Kanhaiya Tori Banshi,
Sometimes said Saregama, sometimes said Magres,
Sometimes listening to Radha, sometimes listening to Meera said,
Sometimes the Gita sometimes spoke four Vedas,
There are seven holes in Kanhaiya Tori Banshi,
Some say Kanha tohe some Nandlala,
Some say Natwar, some Gopala,
Some girdhari, some black cloud ray,
There are seven holes in Kanhaiya Tori Banshi,
The feet of the devotee Sudama were cooked,
and lost on Satyabhama’s Tulsi,
Kansa’s son, Basudev,
There are seven holes in Kanhaiya Tori Banshi,