कन्हैय्या को एक रोज रो कर पुकारा,
कहा उनसे जैसा हूँ अब हूँ तुम्हारा
वोह बोले की किया क्या दुनिए में आकर
मैं बोला की अब भेजना मत दोबारा
वोह बोले की साधन किये तुने क्या क्या
मैं बोला किसे तुमने साधन से तारा
वो बोले परेशान हूँ तेरी बहस से
मैं बोला की कह दो तू जीता मैं हारा
वोह बोले जरिया तेरा क्या है मुझ तक
मैं बोला की दृग बिंदु का है सहारा…
Called Kanhaiya crying one day,
Said I am like them now I am yours
He said that what did he come to the world?
I said now don’t send again
He said that what did you do
I told whom did you star by means
He said that I am upset with your debate
I said tell me that you won, I lost
He said what is your medium till me
I said that there is support for the point of view…