केह दो न श्याम खा के मेरी कसम

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केह दो न श्याम खा के मेरी कसम,
खाटू में हो मेरा अगला जन्म,
केह दो न श्याम खा के मेरी कसम,

स्वर्ग और वैकुंठ दोनों याहा है
रहता कन्हिया मेरा जहा है,
हर पल है रेहना तेरी शरण,
केह दो न श्याम खा के मेरी कसम,

खाटू की गलियां रस्ते चोराहे,
जाती जाहा पर मेरी निगाहें,
देखे तुम्हे ही मेरे नैनं,
केह दो न श्याम खा के मेरी कसम

अरमान था जो तेरी सेवा का मन में ,
पूरा हुआ वो आज इस जगन में,
पल पल सताए मुझको ये गम,
केह दो न श्याम खा के मेरी कसम,

इतनी तमना कर दे तू पूरी,
सेवा करू गा एसी मैं तेरी
रखोगे खाटू में जन्मो जन्म,
केह दो न श्याम खा के मेरी कसम,

Keh do na Shyam kha ke my oath,
May my next birth be in Khatu,
Keh do na Shyam kha ke my oath,

Heaven and Vaikuntha are both yaha
Kanhiya resides where I am,
Every moment is your refuge,
Keh do na Shyam kha ke my oath,

Khatu ki lanes chorhe the way,
My eyes are on the go,
See you only my Nain,
Keh do na shyam kha ke meri kasam

There was a desire that was in the mind of your service,
It is completed today in this world,
This sorrow is tormenting me moment to moment,
Keh do na Shyam kha ke my oath,

Make your wish come true,
I will serve you
You will be born in Khatu,
Keh do na shyam kha ke my oath,

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