खाटू में फूलों सा फूल जाती हूँ
जाने क्या होता है सब कुछ भूल जाती हूँ
जैसे ही चौखट की धुल पाती हूँ
जाने क्या होता है सब कुछ भूल जाती हूँ
मन को भाति हैं सीढ़ी वो तेरह
पहली पे होता दूर अँधेरा
मांगू मैं कैसे बिन मांगे मिलता
मुरझाया मन ये फूलों सा खिलता
सबको तेरे जैकारो में मशगूल पाती हूँ
जाने क्या होता है सब कुछ भूल जाती हूँ
तीसरी सीढ़ी सबसे है न्यारी
चौथी ने मेरी किस्मत सँवारी
पांचवी सीढ़ी पे जैसे आई कानो में मुरली की धुनि सुनाई
खों में जब खुद को कूल पाती हूँ
जाने क्या होता है सब कुछ भूल जाती हूँ
सातवीं सीढ़ी जब आगे आये
धड़कन दिलों की बढ़ती ही जाए
आठवीं मन की आस जगाये दरसन सांवरिया जल्दी दिखाए
और नवी सीढ़ी पर जाते ही ज
जब साड़ी बातों को फ़िज़ूल पाती हूँ
जाने क्या होता है सब कुछ भूल जाती हूँ
दस और ग्यारह पे हो खेल सारा
आँखों का बदले पल में नज़ारा
बारह की छोडो समझो क्या तेरह
ठाकुर करे सीधे दिल में बसेरा
जब दिल से कर उसको क़ुबूल पाती हूँ
जाने क्या होता है सब कुछ भूल जाती हूँ
I grow like flowers in Khatu
know what happens i forget everything
As soon as I can wash the door frame
know what happens i forget everything
I like the stairs, those thirteen
it was dark at first
Mangu how do I get it without asking
Withered mind blooms like flowers
I find everyone engrossed in your jackass
know what happens i forget everything
The third step is the best
Fourth took my fate
On the fifth step as I heard the melody of the murli in my ears
When I find myself cool
know what happens i forget everything
When the seventh ladder came forward
Heart beats keep on increasing
Wake up the hope of the eighth mind, show Darsan Saawariya early
And as soon as I go to the new stair
When I find things meaningless
know what happens i forget everything
ten and eleven pe ho khel sara
eyes change moment
leave twelve, think thirteen
Thakur should settle directly in the heart
When I can accept it from my heart
know what happens i forget everything