श्याम से ही पहचान हमारी
हारे का साथी वो तो लखदातारी
खाटू वाले से मेरी हो गयी है यारी…
ग्यारस पर बाबा से मिलने खाटू जाता हूं
श्याम का दर्शन पाता हूं-मैं उनको भजन सुनाता हूं
श्याम की यारी-जग से है प्यारी……
सजधज कर खाटू में बैठो कितना मुस्कावे
कहीं तुम्हें नजर ना लग जावे-कहीं तुम्हें नजर ना लग जावे
लीले की वो तो-करता सवारी…..
कहे भक्त कि श्याम भजन-जन्नत का द्वारा है
श्याम का तोरण द्वारा है-के खाटू स्वर्ग सा प्यारा है
तीन बाण की महिमा है न्यारी-बाबा ने लाखों की किस्मत सँवारी…
Our identity from Shyam
The loser’s companion is that Lakhdatari
I have become my friend from Khatu Wale…
I go to Khatu on Gyaras to meet Baba.
I get the darshan of Shyam – I recite hymns to him
Shyam’s love is from the world……
Sit in the bed with care how much you smile
Somewhere you cannot be seen – Somewhere you cannot be seen
He used to ride Leele…..
Say bhgt that Shyam is from Bhajan-Jannat
Shyam’s pylon is as sweet as heaven
The glory of three arrows is Nyari-Baba has made the fortunes of lakhs…