कोई पंहुचा दो सन्देश मेरा,
मन लगता नहीं गुरु जी तुम बिन इक दिन,
आँखों में आंसू आते है,
अब कट ता नहीं तुम बिन इक दिन,
कोई पंहुचा दो सन्देश मेरा
ना मिलते अगर कोई बात नहीं,
अब मिल ही गए तो दुरी क्यों,
न दिखती अगर सूरत तेरी,
ओ मन वैरागी होता क्यों,
अब इक इक पल मेरे गुरु जी,
लगता है बीत गये कई दिन,
कोई पंहुचा दो सन्देश मेरा
कई बार जीया कई बार मरा,
अब मर मर के न जीना मुझे,
सब कहता है तुम सुनते हो,
मेरी सुनो विनय तो जानू तुम्हे.
मेरी लागि लग्न तुम संग गुरु जी,
अब महका दो मेरा दिन,
कोई पंहुचा दो सन्देश मेरा…..
अपना ना कोई इस जग में मेरा,
सब स्वार्थ के ही रिश्ते है,
सुखो के साथी सब मेरे दुःख आये तो दूर ही दीखते है,
मेरी श्रद्धा के फूलो को गुरु जी चरणों में रखना हर इक दिन,
कोई पंहुचा दो सन्देश मेरा
Somebody reach my message,
I don’t feel like Guru ji without you one day,
Tears come to my eyes,
Can’t cut it now without you one day,
please reach my message
Don’t meet if it doesn’t matter,
Now if you have met, then why the distance,
If you do not see your face,
Why was my mind a recluse?
Now for a moment my Guruji,
It seems that many days have passed,
please reach my message
Lived many times, died many times,
Now don’t die or live me,
Everyone says you listen,
Listen to me Vinay, I know you.
My lagna lagna with you guru ji,
Now make my day sweet,
Somebody reach my message…..
No one in this world is mine,
All are relations of selfishness,
Friends of happiness, when all my sorrows come, they are seen far away,
Keep the flowers of my reverence at Guruji’s feet every single day,
please reach my message