श्री कृष्णःशरणं मम
‼जय श्रीकृष्ण ‼
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवाय !!!
!! Զเधॆ Զเधॆ !!
हे नाथ!
मुझमें शबरी जैसा धैर्य नहीं है कि
मैं सालों साल आपकी प्रतीक्षा कर सकूँ,,,
हे नाथ!
मुझमें केवट जैसी चतुराई नहीं है कि
मैं आपके चरणों की सेवा कर सकूँ,,,
हे नाथ!
मुझमें गजेंद्र जैसी बुद्धि नही है कि मैं
आपकी स्तुति कर सकूँ,,,
हे नाथ!
मुझमें विदुर जैसी सरलता नहीं है कि
मैं अनासक्त रह सकूँ,,,
हे नाथ!
मुझमें सुदामा जैसा समर्पण नहीं है कि
में सदा आपको भजता रह सकूँ,,,
हे मेरे नाथ!
मैं सबसे दीन हीन और~ कलयुग के समस्त दोषों से भरा जीव हूँ,,,
फिर भी मैं आपका हूँ, आप मेरे हो,,,
हे नाथ
इस अधम जीव पर कृपा करो, कृपा करो,कृपा करो,,,
♨Sri Krishna: My refuge♨
!!Jai Shri Krishna !!
Sri Krishna Govinda Hare Murari,
O Nath Narayan Vasudeva!!!
꧁!! Զเdhe Զเdhe !!
🙏O Nath!
I don’t have the patience like Shabari.
I can wait for you for years,
🙏O Nath!
I don’t have the cleverness of a boatman
May I serve your feet,
🙏O Nath!
I don’t have the intelligence like Gajendra that I
I can praise you,
🙏O Nath!
I don’t have the simplicity like Vidur that
I can remain detached,
🙏O Nath!
I don’t have the dedication like Sudama.
I can always keep worshiping you,
🙏O my Lord!
I am the most destitute and ~ full of all the faults of Kaliyuga,
Still I am yours, you are mine,
hey nath
Have mercy, have mercy, have mercy on this wretched creature!
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