मेरे प्यारे
हम तो तेरी सिर्फ आंखों पे फिदा थे
तुझसे मिलके ये रूह भी तेरी हो गई
मेरी रूह में समाई है तेरी खुशबु
लोग कहते हैं। मेरा इत्र बड़ा लाजवाब है
आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा मुझे बड़ा भाता है
बलिहार हो जाती हूं जब तू मुस्कुराता है
तू प्यार ही नहीं मेरा भगवान भी है
जाने तुम संग क्या नाता है।
ये बेनाम सा रिश्ता क्या कहलाता है
लेकिन नाम देने से ही क्या कोई रिश्ते संवर जाते हैं
जहां रूह ना बंधे वहां तो दिल भी बिखर जाते हैं
रूह पर भी दाग आ जाता है
जब दिलों में दिमाग आ जाता है
अनकही हैं जो बातें कहनी है तुमसे ही
क्यूं ये नज़रें मेरी ठहरी हैं तुमपे ही
रूह का रिश्ता ये जुड़ गया
जहां तू मुड़ा मेरा दिल भी वहीं मुड़ गया
जिंदगी मेरी हसरतों से खफा कैसे हो
फिर तुझे भूल जाने की खता कैसे हो
रूह बनकर समा गए हो मुझमें
तो रूह फिर तन से जुदा कैसे हो
मेरे प्यारे
रूह की तड़प का इलाज हो तुम
जरा सांवरे हमसे पूछो कितने लाजवाब हो तुम
मेरी रूह की तलब हो तुम
कैसे कहूं सबसे अलग हो तुम
प्रेम से बोलो जय श्री राम