तर्ज-तुझसे मिली नज़र के मेरे होश उड़ गये
क्यूँ न सजाऊँ मैं तेरा दरबार साँवरे
कैसे भुलाऊँ मैं,कैसे भुलाऊँ मैं
कैसे भुलाऊँ मैं तेरे उपकार साँवरे
खाटूवाले बाबा श्याम,मुझ पर है तेरा एहसान
मैं तो था ग़ुमनाम प्रभु,मुझे मिली तुझसे पहचान
क्यूँ न जताऊँ मैं तुझसे प्यार साँवरे
तूने मुझे घरबार दिया,सुन्दर सा परिवार दिया
इज्ज़त की दो रोटी दी,अच्छा कारोबार दिया
कैसे गिनाऊँ मैं तेरे उपहार साँवरे
याद मुझे दिन है मेरा,चारों तरफ़ था अन्धेरा
तूने हाथ मेरा थामा,शुकरमन्द मैं हूँ तेरा
क्यूँ न लगाऊँ मैं तेरी जयकार साँवरे
कलियाँ चुन-चुन लाता है, प्रेमी तुझे सजाता है
देख तेरा सोंणा मुखड़ा,’मोहित’ दिल हो जाता है
क्यूँ न कराऊँ मैं तेरा श्रृंगार साँवरे
My senses were blown away by the sight of you
Why should I not decorate your court?
how can i forget how can i forget
How can I forget you thank you
Khatuwale Baba Shyam, I have your favor
I was anonymous Lord, I got recognition from you
Why can’t I express my love for you
You gave me a home, a beautiful family
Gave two loaves of respect, gave good business
How do I count your gifts
I remember my day, it was dark all around
You held my hand, I am your sweetheart
Why don’t I put your cheer in the sun
Picks buds, lover decorates you
See your sonna face, ‘Mohit’ becomes heart
Why shouldn’t I get your makeup done?