लक्ष्मी का वास हो जिस घर में उस घर में रोज दिवाली है
तुमसे ही इज्जत मान मिले हर आशाओं का फुल खिले,
झोली फैलाए जग सारा माता के सभी सवाली है,
लक्ष्मी का वास हो जिस घर मे…..
खुशियाँ तुझसे तुम बिन गम है किरपा बिन ये आँखे नम है,
है चाँद सा मुखड़ा माँ तेरा जिसपे सूरज की लाली है,
लक्ष्मी का वास हो जिस घर मे…….
तेरे चरण जहाँ जाते माता खुशियों से दामन भर जाता,
जिस जगह पे वास ना तेरा हो सब लगता खाली खाली है,
लक्ष्मी का वास हो जिस घर मे………
महिमा तेरी माँ न्यारी है शिवपुरी चरणों का पुजारी है,
जाते है दिन संवर उनके जिनपे नज़रे माँ डाली है,
लक्ष्मी का वास…..
विष्णु जी है जग के पालक मैया तू है धन संचालक,
निर्धन को तू धनवान करे हर बात तेरी माँ निराली है,
लक्ष्मी का वास हो जिस घर……
Lakshmi resides in the house where it is Diwali every day.
May you be respected and let every hope blossom,
Spread the bag, all the questions of the world are all about the mother,
The house where Lakshmi resides…..
Happiness is from you without you, without sorrow, these eyes are moist,
The face of the moon is your mother, on which there is redness of the sun,
The house where Lakshmi resides.
Wherever your feet go, the mother would be filled with happiness,
The place where you do not reside, everything seems empty,
The house where Lakshmi resides.
Mahima is your mother, she is the priest of the feet of Shivpuri.
The days go by for those on whom the mother has cast her eyes,
Lakshmi’s abode
Lord Vishnu is the guardian of the world, Maya, you are the operator of wealth,
You make the poor rich, everything is your mother’s unique,
The house where Lakshmi resides.