लंगुरियां ले चल माँ के द्वार,
याहा विराजे वैष्णो रानी शक्ति की अवतार ,
लंगुरियां ले चल माँ के द्वार,
जोगनिया चल मैया के द्वार
हो पर्वत पर्वत होती याहा पे,
हो माँ की जय जय कार जोगनिया चल मैया के द्वार
कोल कंडोली सिर देखुगी
दर्शन कर बाजा देखू गी
वान गंगा में मैं न्हाऊ गी आगे लंगुरिया फिर जाऊगी
कर देगी माँ वैष्णो बेडा अपना पार
लंगुरियां ले चल माँ के द्वार,
भूमि का मंदिर दर्शन पाके
चरण पाधुका शीश जुका के,
गर्व जून के दर्शन पा के,
सांझी शत थोडा सस्ता के,
माँ के भवन के करेगे दर्शन बोल के जय जय कार
जोगनियाँ चल माँ के द्वार
चुनरी नारीयल भेट चडाऊ चरणों को माथे से लगाऊ
प्यार भवानी का मैं पाऊ,चरणों से माँ के लग जाऊ,
माता रानी अपना बनाये आ जाए जो द्वार
जोगनियाँ चल माँ के द्वार
Take the languris to the mother’s door,
Yaha Viraje Vaishno is the incarnation of Rani Shakti,
Take the languris to the mother’s door,
Jognia Chal Maiya Ke Dwar
Yes, the mountain would have been the mountain.
Ho Maa Ki Jai Jai Kar Joganiya Chal Maiya Ke Dwar
Kol Kandoli will see the head
darshan and see the baja
I will go back to Languria in Van Ganga.
Maa Vaishno Beda will make her way
Take the languris to the mother’s door,
get the temple darshan of the land
Charan padhuka shisha juka ke,
Having seen the proud June,
Share a little cheaper
Will do darshan of mother’s house, say Jai Jai Kar
Jognis walk to mother’s door
Apply Chunari Coconut Bheet Chadau feet on the forehead
I will find love of Bhavani, I will get attached to my mother’s feet
Mother Rani should come to make her own door
Jognis walk to mother’s door