लेके पोहंचे खबर जब हनुमान जी जानकी अपनी पलके बिगोने लगी
बोली कैसे है वो नाथ स्वामी मेरे सच कहो राम भक्त हनुमान जी
माँ के चरणों में मस्तक झुकाते हुए हाल स्वामी का हनुमत बताने लगे,
शोक से है भरा रघुवर का हिरदये याद हर पल सताती है बस आप की
आप की चिंता करता है वो रात दिन उनका चित है सदा आप में जानकी
लेके पोहंचे खबर जब हनुमान जी
बोले क्या मैं कहू कैसे मैं वरनं करू देखि जाती नही पीड़ा रघुनाथ की
रेहते व्याकुल भी योगी निरंतर युही सूरत दिखती नही उनको जब आप की
इक पल भी उन्हें नींद आती नही उनके मन तो मूरत है बस आप की
लेके पोहंचे खबर जब हनुमान जी
सुनके रघुनाथ गाथा हनुमान से जग जननी ने खुश होके आशीष दिया
तुम रहो अमर तुम रहो अजर तुम्हे हर पल मिले किरपा रघुनाथ की
जल हीन हु बिन श्री राम भी केहना ले जाए मुझको मेरे नाथ जी
लेके पोहंचे खबर जब हनुमान जी
But when the news arrived, Hanuman ji Janaki started tearing her eyelids.
How is that Nath Swami, tell my truth Ram Bhakt Hanuman ji
While bowing his head at the feet of the mother, Hal started telling the blessings of the lord,
The heart of Raghuvar is full of mourning, every moment hurts only you
He cares for you, he is his mind day and night, always Janaki in you
When the news reached Hanuman ji
Said can I say how I would rather do not see the pain of Raghunath
Even the yogis are constantly distraught, they do not see the same face when you are
They do not sleep even for a moment, their mind is an idol, only you
When the news reached Hanuman ji
Hearing Raghunath’s story Hanuman blessed the world with happiness.
You remain immortal, you remain ajar, you get every moment of Raghunath’s Kirpa
I am water-less even without Shri Ram, take me away, my Nath ji.
When the news reached Hanuman ji