अजब निराली शक्ति है , माँ बंगलामुखी के नाम में ॥
इच्छा पूर्ण हो जाए , माँ बंगलामुखी के धाम में ॥
जो चाहे वो मिल जाए , माँ कभी न देर लगाए ॥
जो भी आये द्वार मईया , के सबकी आस पुजाये ॥
हर पल आप सहाई होती , भक्तों के शुभ काम में _ _ _ ॥
गुरुवार को मईया के , दरबार पे मेले लगते है ॥
शंख , नाद , घडीयाल , नगाड़े , माँ के दर पे बजते हैं ॥
झूम रहे है भक्त मंदिर में , रात और दिन सुबह शाम में _ _ _ ॥
वंनखंडी पर्वत से चल , कर आई आधभवानी ॥
बंगलामुखी धाम में बैठी , जगजन्नी महारानी ॥
दुष्टों का अविनाश हैं , उनके बुरे परिणाम में _ _ _ ॥
पीले वस्त्र पहन पुजारी , माँ का ध्यान लगाते हैं ॥
योगी राज सत्यनाथ जी , हवन यज्ञ करवाते हैं ॥
पीले वस्त्र शोभा देते , माँ की सुन्दर शान में _ _ _ ॥
There is amazing power, in the name of mother banglamukhi.
May the wish be fulfilled, in the Dham of Mother Bangalmukhi.
You can get whatever you want, mother never delay.
Whoever comes to the door, Mayya, worship everyone’s hope.
You would have been helpful every moment, in the auspicious work of the devotees _ _ _
On Thursdays of Maya, fairs are held at the court.
The conch, the sound, the gong, the drums, are played at the mother’s rate.
Devotees are swinging in the temple, night and day in the morning and evening _ _ _
Aadhbhavani came after walking from Vankhandi mountain.
Jagjanni Maharani sitting in Banglamukhi Dham.
The wicked are indestructible, in their bad consequences _ _ _
Priests wearing yellow clothes meditate on the mother.
Yogi Raj Satyanath ji gets the Havan Yagya done.
Yellow clothes adorn the beautiful glory of mother _ _ _