माँ ज्वाला तेरी दैवी शक्ति

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माँ ज्वाला तेरी दैवी शक्ति
नमन करू शीश नमाया
मान भक्तो का बढाया है रे
ध्यानु और घोड़े को दे दी तूने जीवन दान
मान अखबर का घटाया है

हिमाचल प्रदेश में एक जिला कांगड़ा है
सिद्धपीठो में स्थान सबसे बड़ा है
अरे जो भी जाए खाली ना आये पाए नित वरदान
सभी पर उसकी छाया है रे
ध्यानु और घोड़े को दे दी तूने जीवन दान
मान अखबर का घटाया है

नगरकोट का था ओ पुजारी
और माँ ज्वाला पूजा की कर ली तैयारी
अरे भक्तो का जत्था बहुत बड़ा था पूरा एक हजार
चला दिल्ली तक आया है रे
ध्यानु और घोड़े को दे दी तूने जीवन दान
मान अखबर का घटाया है

अखबर ने पूछा कौन हो और कहा जाते हो भाई
और इतने लोगो की भीड़ तुम्हरे संग है आई
ध्यानु बोला मै सेवक माता ज्वाला का
ध्यान माता का आया है रे
ध्यानु और घोड़े को दे दी तूने जीवन दान
मान अखबर का घटाया है

इतना कह अखबर ने शम्शीर उठाई
और एक झटके में घोड़े की गर्दन अलग कर डाली
गर सत की देवी है तो जुडवा देना शीश
जिसे धरती पे गिराया है रे
ध्यानु और घोड़े को दे दी तूने जीवन दान
मान अखबर का घटाया है

हे मातेश्वरी अंतर्यामी घटघट तू वासी है
और ले रहा अखबर परीक्षा इसलिए मन उदासी है
है कठिन परीक्षा आज तु माता रखना मेरी लाज
कसम मैंने भी खाया है रे
ध्यानु और घोड़े को दे दी तूने जीवन दान
मान अखबर का घटाया है

खुश होकर प्रकट हुयी माँ साक्षात् भवानी ज्वाला
और शीश जोड़कर उसने ध्यानु को जिन्दा कर डाला
अरे तू जिन्दा तेरा घोडा जिन्दा मांग मांग वरदान
तेरे जो मन में भाया है रे
ध्यानु और घोड़े को दे दी तूने जीवन दान
मान अखबर का घटाया है

घोड़े को जिन्दा देखकर बारी बारी मन घबराये
और दौड़कर अखबर को सारा करिश्मा बतलाये
सुनकर सारा हल हुआ अखबर ही अब बेहाल
बहुत मन में घबराया है रे
ध्यानु और घोड़े को दे दी तूने जीवन दान
मान अखबर का घटाया है

सवा मन सोने का छत्र अखबर ने कांधे पर डारा
नंगे पैर पग पैदल पंहुचा बेचारा
छत्र चढ़ाने से पहले ओ हो गया चकना चूर
मान अखबर का घटाया हाउ रे
ध्यानु और घोड़े को दे दी तूने जीवन दान
मान अखबर का घटाया है

Mother Jwala, your divine power
salute you sheesh namaya
The respect of the devotees has increased.
You gave life to Dhyanu and horse
The value of the newspaper is subtracted

Kangra is a district in Himachal Pradesh
The place in Siddhapeeth is the largest
Hey whoever goes, never comes empty-handed
his shadow is all over him
You gave life to Dhyanu and horse
The value of the newspaper is subtracted

O priest of Nagarkot
And the mother has made preparations for Jwala Puja.
Hey the group of devotees was very big, one thousand full
I have come to Delhi
You gave life to Dhyanu and horse
The value of the newspaper is subtracted

The newspaper asked who are you and where are you called brother?
And so many people have come with you
Dhyanu said that I am servant of Mother Jwala.
Mother’s attention has come
You gave life to Dhyanu and horse
The value of the newspaper is subtracted

Saying this, the newspaper raised Shamshir
And in one stroke severed the horse’s neck
If you are the goddess of truth, then you should tie the head.
Who has been dropped on the earth
You gave life to Dhyanu and horse
The value of the newspaper is subtracted

O Mateshwari Antaryami Ghatghat you are the resident
And taking the newspaper test that’s why the mind is sad
It’s a difficult exam today you are my mother’s shame
I have also sworn
You gave life to Dhyanu and horse
The value of the newspaper is subtracted

Bhavani Jwala appeared with happiness
And by adding a head, he revived Dhyanu
Hey you are alive, your horse is alive and demands a boon
What’s in your mind
You gave life to Dhyanu and horse
The value of the newspaper is subtracted

Seeing the horse alive, you get scared in turn.
And run and tell the news all the charisma
The news is all solved after listening
I am very scared
You gave life to Dhyanu and horse
The value of the newspaper is subtracted

A quarter of a man’s gold umbrella put the newspaper on the shoulder
the poor walking barefoot
Before offering the umbrella, it was shattered
Mann Newspaper Ka Deduction How Re
You gave life to Dhyanu and horse
The value is subtracted from the newspaper

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