माँ वीणा पानी हो, विद्या वरदानी हो, मेहरो वाली हो,
ओ माँ ओ माँ ओ माँ ओ माँ ,
अपने भक्तो कीअपने बच्चो की तुम रखवाली हो,
मेरी माँ ओ माँ……..
नाम है जितने माता तुम्हारे,
एक रूप के हे जगदम्बे रूप अनेको सारे,
शारदे माँ हो तुम, लक्ष्मी माँ हो तुम कहीं पे काली हो,
ओ माँ…….
धन दौलत मैं माँ नहीं चाहूँ,
सात सुरों का हंसवाहिनी वर मैं तुझसे चाहूँ,
मेरे इस जीवन की ये तन माँ और धन की
तू ही माली है,
ओ माँ………
अँखियो की माँ प्यास बुझा दो,
देके दर्शन हे जग जननी ज्ञान की ज्योत जगा दो,
माँ तू शीतल है माँ तू निर्मल है,
तू ममता वाली है,
ओ माँ…..स्वरलखबीर सिंह लक्खा
Mother Veena is water, May she be blessed with knowledge, May she be of Mehro,
Oh mother o mother o mother o mother,
You are the caretaker of your children, of your devotees.
My mother oh mother………
Name is your mother,
O world of one form, many many forms,
You are mother, you are mother Lakshmi, you are black somewhere,
Oh mother……
Wealth, I don’t want mother
I want a swan of seven notes from you,
This body of my life is of mother and wealth
You are the gardener
Oh mother………
Quench your thirst, mother of Ankhio.
Give darshan, oh world’s mother, awaken the flame of knowledge,
Mother you are cool Mother you are pure
You are loving