म्हारो मन को पंछी बोले फागण आयो रे,
मस्त मलंगी रंग रंगीला मौसम ले आयो रे,
श्याम धनि ने ठाकुर जी ने मने भुलायो रे हां सपने दिखाओ रे,
म्हारो मन को पंछी बोले फागण आयो..
हाथ निशान उठा के चालिया मैं खाटू वाली गलियां,
बाबा के दर्शन की आस लगाये बैठी अँखियाँ,
धूम मचाओ रंग उड़ाओ चंग बजाओ रे,
अरे नाचो गाओ रे,
म्हारो मन को पंछी बोले फागण आयो
फागणियो मौसम ये अपना रंग दिख्लावे,
कोयलड़ी कूके रे मस्त पवन लहरावे,
श्याम के दीवानो बात माहरी मानो,
धूम मचाओ रे रंग उड़ाओ रे,
म्हारो मन को पंछी बोले फागण आयो
लखदातार है बाबो मन का भेद मिटावे,
फागुन का मेलो में भर भर प्यार लुटावे,
हारे के सहारे श्याम खाटू वाले को मनाओ रे,खुशियां पाओ रे,
म्हारो मन को पंछी बोले फागण आयो
Mharo the birds said to the mind, ayo re,
Mast Malangi Rang Rangeela Mausam Laye Aayo Re,
Shyam Dhani ne thakur ji ne bhulayo re yes show my dreams,
Mharo the birds said to the mind, come on..
I raised my hand mark in the streets of Khatu,
The eyes, waiting for Baba’s darshan,
Dhoom Machao Rang Udao Chang Bajao Re,
Hey dance sing re,
Mharo man ko birds said phagan come
Fagniyo weather let it show its colours,
Koyaldi Kuke Re Mast Pawan Lharwe,
Shyam’s lovers listen to the matter,
Dhoom Machao Re Rang Udao Re,
Mharo man ko birds said phagan come
It is Lakhdataar Baba to erase the distinction of the mind,
Spoil Phagun’s full love in the melo,
Celebrate Shyam Khatu with the help of the loser, get happiness,
Mharo man ko birds said phagan come