मैं छोड़ के साईं तेरी शिर्डी

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मैं छोड़ के साईं तेरी शिर्डी जब वापिस घर को आता हु,
दिल रोता नैन बरसते है मैं मन ही मन घबराता हु,
मैं छोड़ के साईं तेरी शिर्डी जब वापिस घर को आता हु,

जब तक रहता हु शिर्डी में माँ जैसा प्यार मुझे मिलता,
जो पल पल मेरी रक्षा करे ये रूप पिता सा है दीखता,
लेकिन जब घर मैं आ जाऊ आनाथ मैं खुद को पता हु,
मैं छोड़ के साईं तेरी शिर्डी……

मेरी आंखे बंद हो या हो खुली शिर्डी के दर्शन करता हु,
घर में जब ध्यान लगता हु विशियो में मैं फस जाता हु,
मन मंदिर में मेरे आन वसो करवाद प्राथना करता हु,
मैं छोड़ के साईं तेरी शिर्डी……..

दुनिया में सचे मन से जो साईं नाम का सिमरन करते है,
बाबा भी उनकी उंगली पकड़ साये की तरह साथ चलते है,
सच कहता हु तेरे दर्श बिना ना जीता हु ना मरता हु,
मैं छोड़ के साईं तेरी शिर्डी…..

इतनी शक्ति मुझको देना तेरी सुंदर शिर्डी आता रहू,
जो नुरानी है र्रूप तेरा मैं उसके दर्शन पता रहू,
हर जनम में तेरा दास बनू,बस यही आस लगता हु,
मैं छोड़ के साईं तेरी शिर्डी

When I leave Sai Teri Shirdi and come back home,
The heart cries, it rains, I am nervous in my heart,
When I leave Sai Teri Shirdi and come back home,
As long as I live in Shirdi, I get mother’s love,
Whoever protects me every moment, this form looks like a father,
But when I come home orphan I know myself,
I leave sai teri shirdi……
Whether my eyes are closed or open I see Shirdi,
When I meditate at home, I get stuck in subjects,
I pray on my heart in the temple of mind,
I leave sai teri shirdi…….
Those who chant the name of Sai with a sincere heart in the world,
Baba also holds his finger and walks like a shadow.
I tell the truth, I neither live nor die without your vision.
I leave Sai Teri Shirdi…..
Give me so much power, keep coming to your beautiful Shirdi,
I will keep knowing the vision of the one who is like yours,
Be your slave in every birth, that’s all I hope,
I leave sai teri shirdi

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