मैं हु शरण में तेरी संसार के रचिया,
कश्ती मेरी लगा दो उस पार ओ कन्हिया,
मेरी अरदास सुन ली जिए,
प्रभु सुखवन कर लीजिये
दर्श एक बार तो दिज्ये,
मैं समजू गा श्याम रीजे,
पतवार थाम लो तुम मझदार में है नैया,
मैं हु शरण में तेरी संसार के रचिया
भगत है बेचैन तुम बिन,
तरस ते नैन है तुम बिन,
अँधेरी रेन है तुम बिन,
कही न चैन है तुम बिन,
है उदास तुम बिन गोपी ग्वाल गैया,
मैं हु शरण में तेरी संसार के रचिया
स्वरलखबीर सिंह लक्खा
I am the creator of your world in refuge,
Put my boat on the other side, O Kanhiya,
Hear my prayers,
Lord please
Show me once,
I am samju ga shyam rije,
Take the helm, you are in the middle.
I am the creator of your world in refuge
Bhagat is restless without you,
Tum te nain hai tum bin,
It’s dark rain without you,
There is no peace without you,
is sad you bin gopi cowherd gaya,
I am the creator of your world in refuge
Swarlakbir Singh Lakha