चलती चक्की को देखकर दिया कबीरा रोय
दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोई
दाता तेरे हाथ में जिया जून की डोर
देख कर चाल कबीरा देव कौन जमारो खोर
मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंधा
गोरखधंधा गोरखधंधा गोरखधंधा राम
मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंधा….
धरती और आकाश बीच में सूरज तारे चंदा
हवा बादलों बीच में बरखा पावनी दंदा राम
मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंधा …..
एक चला जाए चार देते हैं कंधा
किसी को मिलती आग किसी को मिल जाए फंदा
मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंधा…..
कोई पड़ता घोर नरक कोई सुरभि सन्धा
क्या होनी को अनहोनी नहीं जाने बंदा राम
मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंधा….
कहत कबीर प्रकट माया फिर भी नंर अंधा
सब के गले में डाल दिया मोह माया का फंदा
मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंधा…
Seeing the moving mill, Kabira cried
There is no one left between the two roofs
Data Tere Haath Mein Jiya Joon’s Door
Seeing the trick Kabira Dev who Jamaro Khor
What do I know Ram Tera Gorakh Dhandha
Gorkhadhandha Gorkhadhandha Gorkhadhandha Ram
What do I know Ram, your Gorakh business….
Earth and sky between the sun, the stars, the moon
Pavani Danda Ram rained in the middle of the wind clouds
What do I know Ram your Gorakh business…..
one go four give shoulder
Somebody gets the fire Somebody gets the noose
What do I know Ram your Gorakh business…..
Some bad hell some bad sandha
Banda Ram doesn’t know what should happen.
What do I know Ram, your Gorakh business….
Kahat Kabir manifests Maya yet still blind
The noose of illusion has been put around everyone’s neck.
What do I know Ram your Gorakh business…