मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम की


मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम की।
मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम की। बजरंगी थारे नाम की, बाला जी थारे नाम की ।। मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम की

माला फेरू ध्यान लगाऊँ, भजन करू निष्काम जी। शक्ति दीज्यो, भक्ति दीज्यो, मन में उपजे ज्ञान जी। ज्योति जगाऊँ रे बजरंगी , थारे नाम की ।। मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम की

अगर कपूर की बाती जलाऊँ, घीरत सिन्दूर चढ़ाऊँ रे। श्री चरणों में बैठ के तेरे, निश दिन तुझे रिझाऊँ रे। महिमा गाऊँ रे, बजरंगबली थारे नाम की ।। मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम

घिस घिस चन्दन तिलक लगाऊं, चरणां करूँ अरदासजी। माता पिता गुरूदेव आप मेरे, मैं दासन को दास जी। भोग लगाऊँ रे, बजरंगबली जी थारे नाम की ।। मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम

निर्मल बुद्धि देकर मुझको, दूर करो अज्ञान जी। सेवा दो गुरू मात-पिता की, करयो पूरी आश जी। मैं महिमा गाऊं रे, घर-२ में तेरे नाम की ।। मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम की

इस बालक की रक्षा कीज्यो, कदम-२ पे आपजी। नहीं कहीं गिरने पावे ये, ऐसा दीज्यो साथ जी। मैं टेर लगाऊँ रे, बजरंगबली थारे नाम की ।। मैं माला फेरू रे बजरंगी थारे नाम

सालासर में थे विराजो, ‘सालासर थारो  धाम जी। ‘भक्त मण्डल’ चरणों का सेवक, पवनपुत्र हनुमान जी। बलिहारी जाऊँ रे बजरंगी थारे नाम   की ।। मैं माला ।फेरू रे बजरंगी थारे नाम की

जय श्री राम अनीता गर्ग

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