मैं वारि जाऊं सतगुरु की,
जिन लायी नाम सों यारी।
मन तो पापी भागता जाए,
छन भंगुर से यारी लगाए।
मैं वारि जाऊं सत्गुरु की,
जिन काटी यह मन की उडारी॥
सद्गुरु दाता मेरा दयालु,
भगतो पे रहता सदा कृपालु।
मैं वारि जाऊं सतगुरु की,
जिन निर्गुण अपनी बना ली॥
ऐसी अर्ज सुनो जी दाता,
दिन राती तेरा ध्यान हो दाता।
मैं वारि जाऊं सत्गुरु की,
जिन रंग दिनी मोहे सारी॥
I will go to the side of the Satguru,
Jin Lai Nam Son Yari.
Let the sinner run away
Apply the yari to the sieve brittle.
I will go to the side of the Satguru,
Who cut this mind blowing
Sadhguru giver my merciful,
Always be kind to the devotees.
I will go to the side of the Satguru,
Who has made Nirguna his own?
Listen to such an application, sir,
Give your attention day and night.
I will go to the side of the Satguru.
Jin Rang Dini Mohe Saari॥