मैया तेरी आरती से अंधेरा टले
भक्त की अंधेरे घर में रोशनी जले।
जय जय भवानी मैया जय जय भवानी॥
आरती उतारे तेरी सुबह शाम को
जो तुझे पुकारे उसे पाप क्या चढ़े
भक्ति के अंधेरे घर से अंधेरा टले।
मैया तेरी आरती से अंधेरा टले
भक्तों के अंधेरे घर में रोशनी जले।
जय जय भवानी मैया जय जय भवानी॥
राजा की हवेली हो या निर्धन की झोपड़ी
तेरी दया है तो वह धरती पर टिकी
कौन है जो यहां तेरा आसरा ना ले
भक्ति के अंधेरे घर में रोशनी जले
मैया तेरी आरती से अंधेरा टले
भक्ति के अंधेरे घर में रोशनी जले।
जय जय भवानी मैया जय जय भवानी॥
Maya Teri Aarti dispels darkness
Light lit in the devotee’s dark house.
Jai Jai Bhavani Maya Jai Jai Bhavani
Take your morning and evening aarti
What a sin to those who call upon you
Darkness dissipated from the dark house of devotion.
Maya Teri Aarti dispels darkness
Lights lit in the dark houses of the devotees.
Jai Jai Bhavani Maya Jai Jai Bhavani
Whether it is the king’s mansion or the poor’s hut
If you have mercy then she rests on the earth
who is not here to take your shelter
Light burns in the dark house of devotion
Maya Teri Aarti dispels darkness
Lights lit in the dark house of devotion.
Jai Jai Bhavani Maya Jai Jai Bhavani