मैया यशोदा कान्हा को झुला झुलावे रे
कभी सोये कभी जागे कान्हा जी हमारे
मैया यशोदा जी के राज दुलारे,
मैया यशोदा कान्हा को लोरी सुनावे रे,
मैया यशोदा कान्हा को झुला झुलावे रे
कान्हा की अंखियो में तो नींद नही आती
सुने को मैया यशोदा प्यार से मनाती
मैया यशोदा को कान्हा जी इतना सतावे जी
मैया यशोदा कान्हा को झुला झुलावे रे
झूले से उतरे कान्हा वाहो में वो आये
चन्दन का झुला मेरे श्याम को न भाये
मैया यशोदा गोदी में अपने सुलावे रे
मैया की गोदी में फिर कान्हा जी झट से सो जावे रे
मैया यशोदा कान्हा को झुला झुलावे रे
Maiya Yashoda Kanha Ko Jhula Jhulave Re
Sometimes sleeping, sometimes awake, our Kanha Ji
Maiya Yashoda Ji Ke Raj Dulare,
Maiya Yashoda Kanha Ko Lori Sunave Re,
Maiya Yashoda Kanha Ko Jhula Jhulave Re
Kanha’s eyes are not sleepy
To hear that Maya Yashoda loves to celebrate
Maya Yashoda is so tormented by Kanha Ji
Maiya Yashoda Kanha Ko Jhula Jhulave Re
He came down from the swing in Kanha Waho
My Shyam does not like the sandalwood sling
Maya Yashoda sleeps in her lap
Maiya ki lap me phir kanha ji jhat se so jave re
Maiya Yashoda Kanha Ko Jhula Jhulave Re