मझधार में है नैया राहें अंजानी है,
मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है,
मझधार में है नैया…………
मैं बीच ववर में हु मिलता न किनारा है,
मेरी डूबती नैया का एक तू ही सहारा है,
मुझे आस किसी से नहीं,
मुझे आस बढानी है,
मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है,
मझधार में है नैया…………
दुनिया ने बतलाया तुम मजी हो अच्छे,
जो सच्चा है उसके तुम साथी हो सच्चे,
क्यों देर लगते हो क्या नाव डुबानी है,
मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है,
मझधार में है नैया…………
मुझ से जो चल पाती तुम को न भुलाते हम विश्वाश करो मेरा,
खुद पार लगाते हम बातो का वक़्त नहीं करुणा दिखलानी है,
मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है,
मझधार में है नैया…………
दीनो के दीना नाथ सब तुम को कहते है,
तेरे सेवक बेखौफ तेरे दम पर रहते है,
हर दम हम भक्तो की नाव जलानी है
मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है,
मझधार में है नैया…………
स्वरसंजय मित्तल
Naya paths are unknown in the middle,
Listen my baba, this boat of mine is old,
Naiya is in the middle…………
I am in the middle, neither is the edge,
You are the only support of my sinking boat,
I don’t expect anyone
I want to hope
Listen my baba, this boat of mine is old,
Naiya is in the middle…………
The world has told you that you are good,
You are the true companion of the one who is true,
Why do you take late, is the boat sinking,
Listen my baba, this boat of mine is old,
Naiya is in the middle…………
Do not forget what you can do with me, trust me,
We don’t have time to talk while crossing ourselves, we have to show compassion,
Listen my baba, this boat of mine is old,
Naiya is in the middle…………
Dina Nath of Dino says to all of you,
Your servants live on your own fearlessly,
We have to burn the boat of devotees at all times.
Listen my baba, this boat of mine is old,
Naiya is in the middle…………
swarsanjay mittal