कदे ना हरि गुण गायो रे,ते मानव जनम गमियो रे
लख चोरासी भटकत-भटकत, नर तन पायो रे
रेकोल किया था भजन करण का,जग भरमायो रे
बाल पणो ते खेल कूद ओर ,नाच गमायो रे
आई जवानी धन दोलत,तिरीया बिलमायो रे
बूढापे तन भयो पुराणो,रोग संतायो रे
बेटा पोता कहयो ना माने,जद पछतायो रे
भक्त कहे हरि सुमिरन रो,अवसर आयो रे
रबार-बार नही मिले बावरा,हीरो पायो रे
Kade na hari guna gayo re, te manav janam gamiyo re
Lakh Chorasi Bhatkat-Bhakat, Nar Tan Payo Re
The song was recited by Karan, Jag Bharmayo Re
Bal Pano Te Khel Jump Or, Nach Gamayo Re
I Jawaani Dhan Dolat, Tiriya Bilamyo Re
Old age body fears, disease santayo re
Son grandson say no to mane, JD regrets
Bhagat says Hari Sumiran cry, opportunities come
Never again met Bawra, Hero Payo Re