मनमोहना….मनमोहना…
कान्हा सुनो ना…
तुम बिन पाऊं कैसे चैन…
तरसूं तुम्ही को दिन रेन..
छोड़ के अपने काशी- मथुरा
आके बसो मोरे नैन
यौम बिन पाऊं कैसे चैन…कान्हा….
तरसूं तुम्ही को दिन- रैन
इक पल उजियारा आये,
इक पल अँधियारा छाये,
मन क्यूं ना घबराये,
कैसे ना घबराये..
मन जो कोई गाना हाँ अपनी राहों में पाए
कौन दिशा जाए
तूम बिन कौन समझाए
रास रचइया वृन्दावन के गोकुल के वाशी
राधा तुम्हरी दासी
दरसन को है प्यासी
श्याम सलोने नंदलाला कृष्णा बनवारी
तुम्हरी छवि है न्यारी
मैं तो तन- मन हारी
मनमोहना….मनमोहना…
कान्हा सुनो ना…
तुम बिन पाऊं कैसे चैन…
तरसूं तुम्ही को दिन रेन..
जीवन इक नदियां है
लहरो- लहरो बहती जाए
इसमें मन की नइया डूबे,कभी तर जाए
तुम ना खेवइया हो तो कोई तट कैसे पाए
मझदार बहलाये,तो तुम्हरी शरण आये
हम तुम्हरी शरण आये
मैं हूँ तुम्हारी,
है तुम्हारा ये मेरा जीवन
तुमको देखूं मैं ,देखूं कोई दर्पण
बंशी बन जाउंगी,इन होठों की हो जाउंगी
इन सपनो से जल- थल
है मेरा मन आँगन
फिल्म – “जोधा अकबर”
Manmohana….Manmohana…
Listen Kanha, don’t you…
How can you find peace without…
Tarsu tumhi ko din rain..
Leave your Kashi- Mathura
come back more nain
How can I find peace without yum….Kanha….
tarsu tumhi ko day-night
One moment the light came,
For a moment there was darkness,
Why don’t you worry
How not to panic..
Whatever song yes finds in your way
which direction to go
who do you explain
Vashi of Gokul of Vrindavan created Raas
radha your maid
Darsan is thirsty
Shyam Salone Nandlala Krishna Banwari
your image is beautiful
I lost my heart
Manmohana….Manmohana…
Listen Kanha, don’t you…
How can you find peace without…
Tarsu tumhi ko din rain..
life is like a river
the waves flow
Immerse my mind in this, sometimes it gets wet
If you are not Khevaiya then how can you get any shore
If you are tempted, then your refuge will come.
we came to you
I’m yours
this is my life for you
I see you, I see a mirror
I will become a banshee, I will become of these lips
Water from these dreams
is my mind
Movie – “Jodha Akbar”