मत कर इतना मुझको मजबूर साँवरे,
क्यूँ हो गया हैं मुझसे तू दूर साँवरे ॥
तेरी गलियों में मेरा आना जाना रहें ,
हर पल तेरा प्यार पाना रहें ,
तेरी गलियों से होउ मशहूर साँवरे,
इन नैनों की तृष्णा मिटादो हरि ,
मुझे राधा संग दर्शन दिखादो हरि ,
मिल जाए मेरे दिल को सरूर साँवरे,
भाव लिख लिख श्यामा मैं सुनाता रहूँ ,
प्रेम भरे स्वर से तुझको रिझाता रहूँ ,
तुम आना मेरे घर पे जरूर साँवरे,
तेरे नैनों का अमृत मैं हर पल पियूँ ,
चाहे मर जाऊँ चाहे तेरे दर जियूँ ,
तेरे “पवन” के होवे गम दूर साँवरे,
वो नैनों का लम्हा तेरा इक इशारा कर गया,
मुझे ब्रिज की गलियों में अवारा कर गया ,
Don’t make me feel compelled so much,
Why have you gone away from me?
Keep my coming and going in your streets,
Keep getting your love every moment,
How famous are you from your streets,
Erase the craving of these nanos, Hari,
Show me darshan with Radha, Hari
May my heart be filled with pride,
Shyama, I will keep narrating by writing expressions.
Keep wooing you with a loving voice,
You must come to my house for a good night,
Every moment I drink the nectar of your nain’s,
Whether I die or I live for you,
May the sorrow of your “wind” fade away,
That moment of nano has been a gesture of yours,
Trapped me in the streets of the bridge,