मेरे साहिबा मैं तेरी हो मुक्की हाँ

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मेरे साहिबा मैं तेरी हो मुक्की हाँ,
मैनु मेरे साहिबा, मनो ना वसारी,
हर गल्लों मैं टुकिया,
मेरे साहिबा मैं तेरी हो मुक्की हाँ ।

अवगुन हारी को गुण नाही,
वक्ष करे ता मैं छुटियाँ ,
मेरे साहिबा मैं तेरी हो मुक्की हाँ ।

ज्यों पावे त्यों राख पियारिया,
दामन तेरे वे मैं लुक्कियां,
मेरे साहिबा मैं तेरी हो मुक्की हाँ ।

जे तू नजर मेहर दी भाले,
चढ़ चौबारे मैं सुत्ती हां,
मेरे साहिबा मैं तेरी हो मुक्की हाँ ।

कहे हुसैन फ़कीर साईं दा,
दर तेरे दी मैं कुत्ती हां,
मेरे साहिबा मैं तेरी हो मुक्की हाँ ।

My sahib, I am yours, Mukki yes,
Mainu Mere Sahiba, Mano Na Vasari,
In every gully a piece,
My sahib, I am yours, my mukki yes.
The loser has no virtue,
Bust if I leave,
My sahib, I am yours, my mukki yes.
As soon as you get the ashes,
Daman Tere Ve Main Lukkiyan,
My sahib, I am yours, my mukki yes.
Je tu nazar mehar di bhale,
Chad Chaubare I suti yes,
My sahib, I am yours, my mukki yes.
Say Hussain Fakir Sai Da,
Dar tere di me dog yes,
My sahib, I am yours, my mukki yes.

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