मेरी आखियो की प्यास बुझादे री,
मेरी मईया दर्श दिखादे री,
मै तो हुई दीवानों की डाला,
दिन रात रटू तेरी माला
तू आके दिल बहलादे री
मेरी मईया दर्श दिखादे री…..
मेरा आज तो हाल बेहाल होया,
मेरा भाग कड़अ पडके सोया
मेरा सोया भाग जगादे री
मेरी मईया दर्श दिखादे री….
मै तने बता कित्त टोऊ सू ,
तेरी याद में पल पल रोऊ सू
मने रोती हुई ने हसादे री
मेरी मईया दर्श दिखादे री….
मेरी बनती बात बिगड़गी से ,
के पूछे या दुनिया उझडगी से
मेरी दुनिया फेर बसादे री
मेरी मईया दर्श दिखादे री…..
तेरे बिना मेरा कोन खवैया से ,
मझदार पड़ी मेरी नैया से
मेरी नैया पार लगादे री
मेरी मईया दर्श दिखादे री….
तने सारी दुनिया तार दई ,
तेरे भगतां ने झोली पसार लई
भगता के काम बनादे री
मेरी मईया दर्श दिखादे री…..
मेरी आखियो की प्यास बुझादे री,
मेरी मईया दर्श दिखादे री.
लेखक:- पंडित पवन कोशिक सिद्धिपुरिया
Quenched the thirst of my eyes,
Show me my Mayya vision,
I have fallen in love with lovers,
day night ratu teri mala
You come to my heart
Show me my Mayya vision…..
I was in bad shape today.
my part slept hard
my soya bhaag jagade ri
Show me my Mayya Darsh ri….
Tell me tane kita tou soo,
I cry every moment in your memory
I laughed crying
Show me my Mayya Darsh ri….
My making matters get worse,
by asking or by the world
my world will be changed
Show me my Mayya vision…..
Without you, my mind is from Khawaiya,
I fell from my boat
Meri naya par lagde ri
Show me my Mayya Darsh ri….
The whole world has been wired,
tere bhagtaan has bagged
Bhagta’s work banade ri
Show me my Mayya vision…..
Quenched the thirst of my eyes,
Show me my vision.
Author:- Pandit Pawan Koshik Siddhipuria