भावे लख दा जोर लावे दुनियादारी जी,
मेरी पीठ न लगन देवे पौणाहारी जी,
ओहदे दर ते झुक्दे शीश बड़े सोदागरा दे
मेरा जोगी बेड़े बदल दिंदा महा सागरा दे,
ओह्दी बंजरा विच ऊगा दिंदा फुलवाड़ी जी,
मेरी पीठ न लगन देवे पौणाहारी जी,
मेरी अपनी बन के लोह जगमा ते ठगिया सी
मैं डोलिया नि सी क्यों की नाथ नाल लागियां सी,
ओहदा चिमटा सारी चाड दिंदा हुश्यारी जी,
मेरी पीठ न लगन देवे पौणाहारी जी,
धर्म वीर मोहरा बाबा जी ने लाइयाँ ने ,
ओहदे कमले दिया भी जग दे विच वाड्याइयाँ ने,
मेरे कलाकारी दी कला ही बहुत न्यारी जी ,
मेरी पीठ न लगन देवे पौणाहारी जी,
Bhave Lakh Da Jor Lave Duniyadari Ji,
Meri Peeth Na Lagan Deve Paunahari Ji,
The heads of the great merchants bowed at his door
Mera Jogi Bede Badal Dinda Maha Sagara De,
Ohdi banjra vich uga dinda phulwari ji,
Meri Peeth Na Lagan Deve Paunahari Ji,
I was cheated by becoming my own
Main Doliya Ni Si Kyon Ki Nath Naal Lagiyan Si,
Ohda chimta sari chad dinda hushyari ji,
Meri Peeth Na Lagan Deve Paunahari Ji,
Dharm Veer Mohra Baba Ji Ne Laiyan Ne,
Ohde kamale diya bhi jag de vich vadyaiyan ne,
My art is very different,
Meri Peeth Na Lagan Deve Paunahari Ji,